मलेकीन... - MindsRiot !!!

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काश तुझ पर भी, लागु होती "RTI"...ऐ जिन्दगी तुझसे, बहुत से जवाब चाहिए..

21 फ़रवरी 2016

मलेकीन...

जिक्र ऊसका आज भी,
मेरे होठों पर आता क्यों है
पलकों की हलचल में,
अक्स ऊसका लहराता क्यों है,
बह गए कितने ही पतझड वक्त की साजिश में,
पर दिल ऊसकी आरजू से
आज भी बहल जाता क्यों है?

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