दिलकश आँखें निखरा चेहरा शीशे जैसा ये बदन, ऐसे चमके रुप तुम्हारा जैसे पाणी मे किरण, शहरोंकी इन गलियोंमे है चर्चे तेरे नाम के, इतने सारे हुस्न के जलवे प्यार बिना किस काम के, मुझको गलेसे लगालो जानेजाना मेरा दिल बेजार हो गया... Read more
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें