लागू होणार्‍या कविता... - MindsRiot !!!

Breaking

काश तुझ पर भी, लागु होती "RTI"...ऐ जिन्दगी तुझसे, बहुत से जवाब चाहिए..

21 मई 2016

लागू होणार्‍या कविता...

वहाँ तेरी खुशीयोंका चमन शादाब हुआ
यहाँ मेरा दर्द का मुकाम भी आबाद हुआ
न पूछ के इस हवादिसे जमाने में यहाँ
क्या क्या बच गया और क्या बरबाद हुआ...

छाया

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें